प्रेह विहार मंदिर कंबोडिया: शिव भगवान को समर्पित एक अनोखा स्थल
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कंबोडिया का प्रेह विहार मंदिर एक ऐसा स्थल है जिसे देखकर आप आश्चर्यचकित रह जाएंगे। यह मंदिर कंबोडिया और थाईलैंड की सीमा पर स्थित है और डांगरेक पहाड़ों के शिखर पर बसा हुआ है। इस मंदिर की खासियत यह है कि यह शिव भगवान को समर्पित है और अपनी अनोखी वास्तुकला और अद्वितीय स्थान के कारण विश्वभर के पर्यटकों को आकर्षित करता है। आइए, इस अद्भुत मंदिर की यात्रा पर चलें और इसके इतिहास, वास्तुकला और प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लें।
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प्रेह विहार मंदिर का इतिहास और पौराणिक महत्व
प्रेह विहार मंदिर का निर्माण 11वीं सदी में खमेर साम्राज्य के दौरान हुआ था। इसे राजा सूर्यवर्मन प्रथम और उनके उत्तराधिकारी राजा सूर्यवर्मन द्वितीय ने बनवाया था। मंदिर का निर्माण हिंदू धर्म के प्रमुख देवता शिव को समर्पित किया गया था और इसका नाम ‘प्रेह विहार’ भी भगवान शिव के निवास स्थान ‘विहार’ से लिया गया है।
इस मंदिर का इतिहास और पौराणिक महत्व अद्वितीय है। मंदिर की दीवारों पर अंकित शिलालेख और मूर्तियां हिंदू पौराणिक कथाओं और महाकाव्यों से प्रेरित हैं। इनमें शिव, विष्णु, और अन्य देवताओं की कहानियां और जीवन से जुड़े महत्वपूर्ण घटनाक्रम चित्रित हैं।
अद्वितीय वास्तुकला
प्रेह विहार मंदिर की वास्तुकला इसे अन्य मंदिरों से अलग बनाती है। यह मंदिर कई हिस्सों में विभाजित है और प्रत्येक हिस्सा एक विशिष्ट वास्तुकला शैली को दर्शाता है। मंदिर में कई प्रमुख भाग हैं, जैसे कि गंगा की सीढ़ियां, मंडप, और गर्भगृह। प्रत्येक भाग की अपनी विशिष्टता और अद्वितीयता है।
मंदिर का प्रवेश द्वार विशेष रूप से आकर्षक है। यहाँ से प्रवेश करते ही आप एक लंबी सीढ़ियों वाली सड़क से होते हुए मुख्य मंदिर तक पहुंचते हैं। सीढ़ियों की संरचना और उसकी किनारे की बारीक नक्काशी आपको खमेर कला की उत्कृष्टता का अनुभव कराएगी।
प्राकृतिक सौंदर्य और दृश्य
प्रेह विहार मंदिर का स्थान भी इसे अनोखा बनाता है। डांगरेक पहाड़ों के शिखर पर स्थित इस मंदिर से चारों ओर का दृश्य मनमोहक होता है। यहाँ से थाईलैंड और कंबोडिया के विस्तृत परिदृश्य का आनंद लिया जा सकता है। मंदिर के उच्च स्थान से सूर्योदय और सूर्यास्त का दृश्य अद्वितीय होता है, जो आपके यात्रा अनुभव को और भी यादगार बना देता है।
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पर्यटकों के लिए महत्वपूर्ण जानकारी
प्रेह विहार मंदिर की यात्रा करते समय कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना आवश्यक है। प्रेह विहार मंदिर पहुँचने के लिए आपको कंबोडिया के कई प्रमुख शहरों से सड़कों के माध्यम से यात्रा करनी होगी। यह स्थल थाईलैंड की सीमा के निकट होने के कारण दोनों देशों के पर्यटक यहाँ आसानी से पहुँच सकते हैं।
मंदिर का मौसम और वातावरण भी यात्रा के लिए उपयुक्त है। वर्षा ऋतु के दौरान यहाँ का मौसम सुहावना होता है, जिससे यात्रा और भी सुखद बन जाती है। मंदिर परिसर में उचित कपड़े पहनने और स्थानीय रीति-रिवाजों का पालन करने की सलाह दी जाती है।
निष्कर्ष
प्रेह विहार मंदिर कंबोडिया का एक अनमोल रत्न है। इसकी अद्वितीय वास्तुकला, इतिहास और प्राकृतिक सौंदर्य इसे एक विशेष स्थल बनाते हैं। यदि आप कंबोडिया की यात्रा पर हैं, तो इस मंदिर को अपनी यात्रा सूची में अवश्य शामिल करें और भगवान शिव के इस अद्वितीय स्थल का अनुभव करें। प्रेह विहार मंदिर न केवल एक धार्मिक स्थल है, बल्कि एक ऐसा स्थल भी है जो आपको खमेर साम्राज्य की सांस्कृतिक धरोहर और अद्वितीय कला से परिचित कराता है।