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Places To Visit In Ujjain In Hindi (उज्जैन के प्रमुख दर्श्नीय स्थान)

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अगर आप भारत में आध्यात्मिक यात्रा पर निकल रहे तो आप उज्जैन से अछूते नहीं रह सकते।  उज्जैन (Ujjain) एक अत्यंत सुन्दर प्राचीन शहर है और यह भारतीय राज्य  मध्य प्रदेश सबसे बड़े शहरों में से एक, उज्जैन शिप्रा नदी के तट पर स्थित है।

यह महान सम्राट विक्रमादित्य के राज्य की राजधानी थी । उज्जैन को कालिदास की नगरी के नाम से भी जाना जाता है। यह सप्त पुरी के हिंदू तीर्थस्थलों में से एक है, जो हर 12 वर्षों में वहां आयोजित होने वाले कुंभ मेले के लिए प्रसिद्ध है।

आज जो नगर उज्जैन नाम से जाना जाता है वह अतीत में अवंतिका, उज्जयिनी, विशाला, प्रतिकल्पा, कुमुदवती, स्वर्णशृंगा, अमरावती आदि अनेक नामों से अभिहित रहा। मानव सभ्यता के प्रारंभ से यह भारत के एक महान तीर्थ-स्थल के रूप में विकसित हुआ। पुण्य सलिला क्षिप्रा के दाहिने तट पर बसे इस नगर को भारत की मोक्षदायक सप्तपुरियों में एक माना गया है।

“अयोध्या मथुरा माया काशी कांची अवंतिका। पुरी द्वारावतीश्चैव सप्तैतामोक्षदायिका।।”

उज्जैन में कई मंदिर हैं जो आपको उज्जैन और उस शहर के गौरवशाली अतीत की झलक दिखाते हैं। यह शहर हिन्दू धर्म में आस्था रखने वाले लोगों के लिये उच्च धार्मिक महत्व का स्थान है।

मैंने इस लेख में उज्जैन के सभी दर्श्नीय स्थलों को समाहित करने की कोशिश की है, जिनका दर्शन आप को अपनी उज्जैन यात्रा मैं जरूर करना चाहिए।

  • महाकालेश्वर मंदिर (Mahakaleswar Mandir Ujjain)
  • महाकाल लोक (Mahakal Lok Ujjain)
  • बडेगणेश मंदिर (Bade Ganesh Mandir Ujjain)
  • हरसिद्धि माता मंदिर (Harsiddhi Mata Ujjain)
  • कालभैरव मंदिर (Kalbhairav Mandir Ujjain)
  • मंगलनाथ मंदिर (Mangalnath Mandir Ujjain)
  • गढकालिका देवी मंदिर (Gadkalika Devi Mandir Ujjain)
  • रामघाट (Ramghat Ujjain)
  • गोपाल मंदिर (Gopal Mandir Ujjain)
  • भर्तृहरि गुफा (Bharthari ki gufa)
  • सांदीपनि आश्रम (Sandipani Ashram Ujjain)
  • गोमती कुंड (Gomati kund Ujjain)
  • इस्कॉन मंदिर उज्जैन (Iskcon Mandir Ujjain)
  • वेदशाला (Vedshala Ujjain)
  • शनिमंदिर (Shani Mandir Ujjain)
  • चिंतामणि गणेश मंदिर (Chintamani Ganesh Ujjain)
  • कलिदाह पैलेस (Kalideh Palace Ujjain)

महाकालेश्वर मंदिर (Mahakaleswar Mandir in Hindi)

उज्जैन में महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग भगवान शिव के सबसे पवित्र निवास माने जाने वाले 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। यह मंदिर भारत में 18 महा शक्तिपीठों में से एक के रूप में प्रतिष्ठित है। यह दक्षिण की ओर मुख वाला एकमात्र ज्योतिर्लिंग है, जबकि अन्य सभी का मुख पूर्व की ओर है। ऐसा इसलिये है क्योंकि मृत्यु की दिशा दक्षिण मानी जाती है। लोग अकाल मृत्यु से बचने के लिये महाकालेश्वर की पूजा करते हैं।

यह निस्संदेह उज्जैन में दर्शनीय स्थलों की यात्रा के दौरान सबसे अच्छी जगहों में से एक है।

महाकाल लोक (Mahakal Lok in Hindi)

महाकाल मंदिर परिसर के विस्तार योजना के तहत महाकालेश्वर मंदिर परिसर को 2.82 हेक्टेयर से बढ़ा कर 47 हेक्टेयर किया जा रहा है। इसी योजना में एक 900 मीटर पैदल यात्री गलियारे का निर्माण किया गया है, इस में आपको शिव विवाह, त्रिपुरासुर राक्षस का वध, शिव पुराण और शिव तांडव स्वरूप जैसे भगवान शिव से संबंधित कहानियों को दर्शाते 108 भित्ति चित्र एवं 93 मूर्तियाँ हैं।

अध्यात्म के इस गलियारे मैं मिलने वाली हर मूर्ति या भित्ति चित्र पर एक क्यूआर कोड होगा। QR Code (क्यूआर कोड) को मोबाइल द्वारा स्कैन करने पर आपको ऑडियो गाइड से उस मूर्ति या भित्ति चित्र के पीछे की कहानी की पूरी जानकारी मिलेगी। विस्तारित मंदिर परिसर में गाड़ियों की आवाजाही पर रोक होगी। महाकाल लोक कॉरिडोर का यही रूप उज्जैन में महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग तीर्थ का दर्शन बेहतर और सुगम बनाता है। नए बने कॉरिडोर के लुभावने दृश्यों से आपकी नजर नहीं हटेगी।

बडे गणेश मंदिर (Bade Ganesh Mandir in Hindi)

यह मंदिर महाकाल मंदिर के पास ही हरसिद्धि मार्ग पर यह मंदिर स्थित है। इस मंदिर में सप्तधातु की पंचमुखी हनुमान प्रतिमा के साथ-साथ नवग्रह मंदिर तथा कृष्ण यशोदा आदि की प्रतिमाएं विराजमान हैं। यहाँ पर भगवान् गणेश की प्रतिमा बहुत विशाल होने के कारण ही इसे बड़ा गणेश के नाम से जाना जाता हैं। गणेश जी की मूर्ति संरचना में पवित्र सात नदियों के जल एवं सप्त पूरियों के मिट्टी को प्रयोग में लाया गया था। यहाँ गणेश जी को महिलायें अपने भाई के रूप में मानती हैं,एवं रक्षा बंधन के पावन पर्व पर राखी पहनाती हैं।

हरसिद्धि माता मंदिर (Harsiddhi Mata in Hindi)

उज्जैन नगर के प्राचीन और महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों में हरसिद्धि देवी का मंदिर प्रमुख है। चिन्तामण गणेश मंदिर से थोड़ी दूर और रूद्रसागर तालाब के किनारे स्थित इस मंदिर में सम्राट विक्रमादित्य द्वारा हरिसिद्धि देवी की पूजा की जाती थी। हरसिध्दि देवी वैष्णव संप्रदाय की आराध्य रही। शिवपुराण के अनुसार दक्ष यज्ञ के बाद सती की कोहनी यहां गिरी थी। इसी लिए इस स्थल को शक्तिपीठ के रूप में भी जाना जाता है।

कालभैरव मंदिर (Kalbhairav Mandir in Hindi)

उज्जैन में स्थित भगवान् काल भैरव का यह मंदिर महाकाल मंदिर से लगभग 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह मंदिर क्षिप्रा नदी के किनारे भैरवगढ़ क्षेत्र में स्थित है। यह राजा भद्रसेन के द्वारा शिप्रा नदी के तट पर बनाया गया था। ऐसा माना जाता है कि काल भैरव की पूजा कपालिका और अघोरा संप्रदाय का हिस्सा रही है। उज्जैन इन दोनों संप्रदायों का एक प्रमुख केंद्र था। इसी आज भी, काल भैरव को अनुष्ठान के एक भाग के रूप में शराब की पेशकश की जाती है।

भगवान कालभैरव हर रोज मंत्रोच्चार के बाद करीब 2,000 शराब की बोतलों का सेवन करते हैं. बाबा कालभैरव के शराब पीने के रहस्य के बारे में आज तक शोध करने वाले पुरात्तव विभाग भी नहीं पता लगा पाया है. बाबा काल भैरव का मंदिर मां क्षिप्रा नदी किनारे ओखलेश्वर जाग्रत शमशान के समीप भैरव पर्वत नामक स्थान पर स्थित है।

मंगलनाथ मंदिर (Mangalnath Mandir in Hindi)

मंगलनाथ मंदिर उज्जैन में एक और धार्मिक केंद्र है पुराणों के अनुसार उज्जैन नगरी को मंगल की जननी कहा जाता है। इसी लिए जिन व्यक्तियों की कुंडली में मंगल भरी रहता है, वे अपने अनिष्ट ग्रहों की शांति के लिए यहाँ पूजा-पाठ करवाने आते हैं। वैसे तो पूरे देश में भगवान् मंगल के कई मंदिर हैं परन्तु उज्जैन इनका जन्मस्थान होने के कारण यहाँ की पूजा को काफी अधिक महत्व दिया जाता है।

मार्च के महीने में आने वाली अंगारक चतुर्थी के दिन मंगलनाथ मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना एवं हवन-यज्ञ किए जाते हैं। इस समय मंगल ग्रह की शांति के लिए लोग दूर-दूर से उज्जैन आते हैं। यहाँ पर होने वाली भात पूजा को भी काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। मंगल ग्रह को मूलतः मेष और वृश्चिक राशि का स्वामी माना जाता है।

मंदिर में सुबह छह बजे से मंगल आरती शुरू हो जाती है।

गढकालिका देवी मंदिर (Gadkalika Devi Mandir in Hindi)

इस आध्यात्मिक शहर में एक और दिलचस्प मंदिर गढ़कालिका मंदिर है। इस मंदिर में माँ कालिका के दर्शन के लिए रोज हजारों भक्तों की भीड़ जुटती है।छात्रों के लिए इस मंदिर का बहुत महत्व है। इस मंदिर का त्रुटिहीन वातावरण देखने लायक है और देवी कालिका की सुंदर मूर्ति इस मंदिर का प्रमुख आकर्षण है। सर्वोत्तम अनुभव के लिए, आप या तो सुबह के शुरुआती घंटों में इस मंदिर में जा सकते हैं या शाम की आरती के लिए जगह पर जा सकते हैं।

रामघाट (Ramghat Ujjain in Hindi)

राम घाट यह हरसिद्धि माता के मंदिर के पास स्थित है, यह उज्जैन का एक बहुत ही महत्वपूर्ण स्थल है क्योंकि यहाँ हर 12 साल में आयोजित होने वाले कुंभ मेले के स्थलों में से एक है। कुंभ मेले में आप यहाँ लाखों लोगों को शिप्रा नदी में डुबकी लगते हुए देख पाएंगे। आम दिनों में आप को यहाँ कुछ श्रद्धालु पानी में डुबकी लगते हुए अवश्य मिल जायेंगे।

गोपाल मंदिर (Gopal Mandir in Hindi)

गोपाल मंदिर यह भगवान् श्री कृष्ण को समर्पित है। इस मंदिर का निर्माण 19 वीं शताब्दी में महाराजा दौलत राव शिंदे की रानी बैजीबाई शिंदे ने करवाया था, यह मंदिर मराठा वास्तुकला का एक सुन्दर उदाहण है। यह एक संगमरमर की छत वाली संरचना है जिसमें चांदी की परत चढ़ी हुई है।

भर्तृहरि गुफा (Bharthari ki gufa in Hindi)

उज्जैन में भर्तृहरि गुफा वह स्थान है जहाँ विक्रमादित्य के सौतेले भाई भर्तृहरि ने ध्यान किया था। शिप्रा नदी के तट पर स्थित, यह उज्जैन में सबसे शांत स्थानों में से एक है। आप इन गुफाओं के निकट स्थित गढ़कालिका के मंदिर के भी दर्शन कर सकते हैं। यदि आप उज्जैन में ध्यान के लिए एकांत स्थान की तलाश कर रहे हैं तो आपको इस स्थान पर अवश्य जाना चाहिए।

सांदीपनि आश्रम (Sandipani Ashram in Hindi)

सांदीपनी आश्रम एक पवित्र मंदिर है जो महर्षि संदीपनी की याद में बनाया गया है और इसे उज्जैन के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में से एक माना जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार माना जाता है कि यही वह आश्रम है जहां गुरु संदीपनी श्रीकृष्ण, उनके मित्र सुदामा और भगवान कृष्ण के भाई बलराम को शिक्षा दिया करते थे। आश्रम अब एक मंदिर की तरह दिखता है और गुरु संदीपनी के साथ कृष्ण, बलराम और सुदामा की तीन मूर्तियाँ मौजूद हैं। यहां एक पत्थर भी है जहां 1 से 100 तक के अंक खुदे हुए पाए गए हैं और माना जाता है कि इसे स्वयं गुरु सांदीपनि ने बनाया था।

गोमती कुंड (Gomati kund in Hindi)

महर्षि सांदीपनि ऋषि के आश्रम में एक सुंदर सरोवर स्थित है, जो कि गुमती कुंड के नाम से प्रसिद्ध है ! गोमती कुंड पौराणिक स्थान है जहां माना जाता है कि भगवान कृष्ण ने सभी तीर्थ केंद्रों से पवित्र नदियों को बुलाया था ताकि उनके पुराने गुरु शांतिपूर्वक सभी अनुष्ठान कर सकें। सांदीपनी आश्रम में वेदों और पुराणों के संदर्भ मिलते हैं और यहां हुई खुदाई में 3,000 साल पुरानी चित्रित कलाकृतियां सामने आई हैं, जो बताती हैं कि यह प्राचीन काल से एक महत्वपूर्ण स्थान था। उत्खनन के अवशेष हस्तिनापुर, इंद्रप्रस्थ, मथुरा और कौशांबी से प्राप्त लेखों से मिलते-जुलते हैं। सबसे पुराने पवित्र स्थानों में से एक, गोमती कुंड आश्रम को पानी की आपूर्ति का बारहमासी स्रोत है।

इस्कॉन मंदिर उज्जैन (Iskcon Mandir in Hindi)

इस्कॉन (द इंटरनेशनल सोसाइटी ऑफ कृष्णा कॉन्शसनेस) मंदिर, उज्जैन भगवान कृष्ण का एक लोकप्रिय मंदिर है। यह उज्जैन में सबसे खूबसूरत मंदिरों में से एक है। और इसकी अनूठी सफेद संगमरमर की वास्तुकला देखने लायक है। मंदिर में राधा माधना मोहन, श्री कृष्ण बलराम और श्री गौरी निताई की मूर्तियाँ हैं। इस मंदिर की सजावट मंत्रमुग्ध कर देने वाली है और साफ-सुथरा वातावरण इस मंदिर की सुंदरता को बढ़ाता है। यहां के गोविंददास रेस्तरां में परोसे जाने वाले स्वादिष्ट वैष्णव भोजन का स्वाद लेना न भूलें। यह उज्जैन के सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक है।

वेदशाला (Vedshala Ujjain in Hindi)

इस्कॉन (द इंटरनेशनल सोसाइटी ऑफ कृष्णा कॉन्शसनेस) मंदिर, उज्जैन भगवान कृष्ण का एक लोकप्रिय मंदिर है। यह उज्जैन में सबसे खूबसूरत मंदिरों में से एक है। और इसकी अनूठी सफेद संगमरमर की वास्तुकला देखने लायक है। मंदिर में राधा माधना मोहन, श्री कृष्ण बलराम और श्री गौरी निताई की मूर्तियाँ हैं। इस मंदिर की सजावट मंत्रमुग्ध कर देने वाली है और साफ-सुथरा वातावरण इस मंदिर की सुंदरता को बढ़ाता है। यहां के गोविंददास रेस्तरां में परोसे जाने वाले स्वादिष्ट वैष्णव भोजन का स्वाद लेना न भूलें। यह उज्जैन के सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक है।

शनिमंदिर (Shani Mandir Ujjain in Hindi)

इस मंदिर को नवग्रह मंदिर के रूप में भी जाना जाता है। शिप्रा नदी के तट पर बना यह मंदिर लगभग 2 हजार साल पुराना है, और इसकी स्थापना राजा विक्रमादित्य ने की थी। ऐसा कहा जाता है विक्रमादित्य ने इस मंदिर के बनाने के बाद ही विक्रम संवत की शुरुआत की थी। यह एक ऐसा पहला शनि मंदिर है जहाँ शिव के रूप मैं शनिदेव स्थापित हैं। यहां पर शनिदेव की मुख्य प्रतिमा के साथ-साथ ढय्या शनि की भी प्रतिमा भी स्थापित है। यहां आने वाले श्रद्धालु अपनी मनोकामना के लिए शनिदेव पर तेल चढ़ाते हैं। कहा जाता है कि यहां साढ़ेसाती और ढय्या की शांति के लिए शनिदेव पर तेल चढ़ाया जाता है।

चिंतामणि गणेश मंदिर (Chintamani Ganesh Ujjain in Hindi)

चिंतामणि गणेश मंदिर फतेहाबाद रेलवे लाइन पर, शिप्रा नदी के पास स्थित है, चिंतामन गणेश मंदिर उज्जैन के सबसे पुराने मंदिरों में से एक है। यहां आपको एक बड़ी गणेश मूर्ति भी दिखाई देगी, जो बहुत ही प्रसिद्ध और समर्पित है। बड़ी मूर्ति का जन्म स्वयं (स्वयंभू ) माना जाता है, इसलिए इसका बहुत बड़ा धार्मिक महत्व है। यह उज्जैन के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है जहां बड़ी संख्या में भक्त आते हैं।

कलिदाह पैलेस (Kalideh Palace Ujjain in Hindi)

कालियादेह पैलेस शिप्रा नदी के तट पर स्थित है और मध्य प्रदेश राज्य के सबसे अधिक देखे जाने वाले स्थलों में से एक है। यह एक टापू की तरह है जो पानी के एक छोटे से खंड से अलग होता है जिससे यह और अधिक सुंदर दिखता है। यह द्वीप-रूपी स्थल प्राचीन उज्जैन के प्राकृतिक सौन्दर्य को तुरंत आच्छादित कर देता है, जिसे युगों-युगों से कवियों ने गीतात्मक बनाया है। महल के दोनों किनारों पर बहने वाली नदी का शानदार परिदृश्य और मानव निर्मित टैंक और चैनल, जिनके माध्यम से पानी की गड़गड़ाहट होती है, भव्य इमारत को एक शानदार पृष्ठभूमि प्रदान करते हैं।

Devesh

Hey there, I'm Devesh Kumar. Born in Uttar Pradesh and received my early education there. Later I completed my 10th and 12th grades in Gujarat and then graduated in Madhya Pradesh. In 2014, I graduated with a degree in Computer Science from Rajiv Gandhi Technical University. Currently, I am pursuing my job in Ahmedabad. When I am not busy with my IT profession, you will find me enjoying my hobbies. My hobbies include traveling, playing volleyball, and swimming. I have a strong affection for religious sites, spirituality, beaches, adventure, forests, and mountains. I also enjoy contributing to Wikipedia and Tripoto. Over the years, I have explored various states and Union Territories in India. I have been attracted by the diversity that our magnificent country has to offer, from the calm landscapes of Uttarakhand and Madhya Pradesh to the colorful cultures of Rajasthan and Gujarat, and from the coastal splendor of Goa to the gorgeous hills of Himachal Pradesh and Karnataka. Visit my website to learn more about my amazing trips. Here, I post my experiences and stories in both English and Hindi.

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